हादसा / दीवार-लिफ्ट के बीच फंसने से बच्चे की मौत, पिता का आरोप- मंदिर वालोंं ने केस नहीं करने के लिए पैसे ऑफर किए

वैशाली नगर स्थित अक्षरधाम मंदिर में सेवा करने गया 10 साल का एक बच्चा लिफ्ट फंस गया। मौके पर एकत्रित हुए लोगों ने लिफ्ट में फंसे गोविंद नगर निवासी विशेष तिवाड़ी को निकालकर हॉस्पिटल पहुंचाया। जहां पर चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। इस संबंध में बच्चे के पिता दीन दयाल तिवाड़ी ने रविवार रात को चित्रकूट थाने में मंदिर प्रबंधन के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कराया। पिता ने बताया कि मंदिर प्रबंधन ने लापरवाही से लिफ्ट को खुला छोड़कर रखा था। लिफ्ट के पास गार्ड भी नहीं थे। बच्चे लिफ्ट में घुस गए। विशेष श्यामनगर में कक्षा चार में पढ़ रहा था। घटना के बाद विशेष की दादी कमला, मां विनिता व बड़ी बहन कनिष्का का रो-रो कर बुरा हाल हो गया है।
विशेष के पिता दीनदयाल ने बताया- मंदिर से ढाई बजे मां का फोन आया। अंत्येष्टि के बाद मंदिर गए तो मंदिर प्रबंधन ने  सबूत मिटाने के लिए खून साफ कर दिया। रात को मंदिर की तरफ से कुछ लोग घर आए और केस नहीं करने की एवज में पैसे देने की बात कही। मंदिर प्रबंधन ने कहा- 12 से 4 पट बंद रहते हैं। सेवादार-गार्ड भी इस बिल्डिंग में नहीं रहते। इसी बीच बच्चे लिफ्ट में चढ़ और हादसा हुआ।


ऐसे हुआ हादसा : रविवार को स्कूल की छुट्टी होने पर अपनी दादी कमला व बड़ी बहन कनिष्का के साथ विशेष भी मंदिर में सेवा करने चला गया। मंदिर में अन्नकूट महोत्सव की तैयारियों के चलते डिब्बे पैक किए जा रहे थे। जहां पर थोड़ी देर बाद विशेष दूसरे बच्चों के साथ खेलने लग गया। करीब ढाई बजे वह लिफ्ट में घुस गया, जिसमें दीवार व लिफ्ट के बीच में फंसने से विशेष की मौत हो गई।


विशेष का घर...। सन्नाटा पसरा हुआ है। बीच-बीच में दिल दहला देने वाली चीत्कारें गूंंंज रही हैं। दादी, मां और बहन तीनों की आंखें पथरा गई हैं, गालों पर आंसुओं से काली लकीरें खींच गई हैं। संभालने वाले खुद को नहीं संभाल पा रहे। मांं विनीता बार-बार कह रही है- हे भगवान! ये क्या कर दिया...बहन कनिष्का को तो इस बात का मलाल है कि वो भाई के साथ क्यों नहीं थी। दादी कमला बोली- मैं मंदिर मेंं ही थी, हल्ला मचा तो पता चला कि मंदिर ने ही घर को दर्द दे दिया।